युगों युगों से होता आया नारी का अपमान। युगों युगों से होता आया नारी का अपमान।
दरबदर भटक रहा है अपने देश का भविष्य लाखो जिल्लतें सह रहा है। दरबदर भटक रहा है अपने देश का भविष्य लाखो जिल्लतें सह रहा है।
बनी रहे नर के मन में नारियों के लिए श्रद्धाभक्ति ! बनी रहे नर के मन में नारियों के लिए श्रद्धाभक्ति !
रूप उसका एक ,नाम बस अनेक कभी ऐश्वर्या , कभी धान्यलक्ष्मी! रूप उसका एक ,नाम बस अनेक कभी ऐश्वर्या , कभी धान्यलक्ष्मी!
छल कपट सीखी नहीं धर्म निभाती आयी हूँ। पर तुम सोचते हो तुम्हारी जागीर हूँ। छल कपट सीखी नहीं धर्म निभाती आयी हूँ। पर तुम सोचते हो तुम्हारी जागीर हूँ।
घर के साथ काम संभाला तूने बच्चो पर भी प्यार लुटाया है मकान को घर बनाया तूने खुशियाँ बाँट कर जीना तून... घर के साथ काम संभाला तूने बच्चो पर भी प्यार लुटाया है मकान को घर बनाया तूने खुशि...